क्रिकेटर जिन्होंने अपनी किस्मत फिल्मों में भी आजमाई थी
ऐसा कहा जाता है कि सबसे सफल लोग अपने जीवन में एक निश्चित मील का पत्थर हासिल करने के बाद रुकते नहीं हैं। वे इसे अगले लक्ष्य पर नजर रखने वाले लॉन्चपैड के रूप में उपयोग करते हैं। कई लोग एक स्टार की लोकप्रियता कि छवि को एनकॅश करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
हमारे क्रिकेटरों को भी राजनीति, खेल कमेट्रेटर, टीवी अॅन्करिंग और कुछ ऐसी जगहों पर सेवानिवृत्ति के बाद भी देखा जाता रहा है। उनमें से कुछ ने गायन करने की कोशिश की है, सुरेश रैना ने २०१५ की फिल्म मेरुथिया गैंगस्टर में एक ट्रैक गाया था। जबकि सुनील गावस्कर ने एक मराठी फिल्म में अपने अभिनय कि किस्मत आजमायी थी। कुछ ने अभिनय पर अपना हाथ भी लगाया है क्रिकेट और बॉलीवुड भारत में दो सर्वाधिक लोकप्रियता वाले एरिया हैं। जब दोनों एक साथ आएंगे तो क्या होगा? आइए कुछ क्रिकेटरों पर नजर डालें जिन्होंने बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमायी।
अजय जडेजा
क्रिकेट मैदान पर जडेजा को उनके क्षेत्ररक्षण कौशल और बल्लेबाजी के लिए जाना जाता था। दुर्भाग्यवश हालांकि, उसे मैच फिक्सिंग के लिए पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था। उन्होंने २००३ में फिल्म में 'खेल' मे अपने अभिनय कि शुरुवात करी जिसमें सनी देओल और सुनील शेट्टी थे। उन्होंने २००९ की फिल्म 'पल पल दिल के पास' में भी अभिनय किया था। उन्होंने अभिषेक कपूर की फिल्म 'काई पो चे' में एक कैमियो किया, जो कि एक क्रिकेट टिप्पणीकार की भूमिका के रूप में अभिनय किया था। वह एक सेलिब्रिटी नृत्य शो 'झलक दिखलाजा' जा में विशेष अतिथी के रोल मे दिखायी दिये थे। इन दिनों आप अजय जडेजा को क्रिकेट कमेंट्रेटर के रूप में अक्सर अपने टीवी स्क्रीन पर देखेंगे।
सलिल अंकोला
बॉलीवुड से यह प्रसिद्ध चेहरे और एक समय के क्रिकेट खिलाड़ी थे, जिन्होने भारत के लिए एक टेस्ट मैच और १९८९ से १९९७ के बीच २० एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उनके बाएं शिन की हड्डी में एक ट्यूमर होने कि वजह स्व अंकोला ने २८ वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो गये थे। उन्होंने २००० के हिंदी फिल्म 'कुरुक्षेत्र' के साथ अपनी सिनेमाई शुरुआत की, जहां उन्होंने संजय दत्त द्वारा अभिनीत वरिष्ठ अधिकारी के साथ एक पुलिस अफसर की भूमिका निभाई थी। बाद मे ईशा देओल और झायद खान के साथ 'पिताह' (२००२), और 'चुरा लिया है तुमने' (२००३) में दिखाई दिए। उन्होंने 'सायलेंस प्लिजप्लिज द ड्रेसिंग रूम' जहां उन्होंने क्रिकेट कप्तान कि भुमिका निभाई थी। हालांकि बॉक्स ऑफिस पर फिल्म अच्छा प्रदर्शन नहीं करती पाई, लेकिन उनके अभिनय की सराहना की गई थी। साथ मे ही इंडियन सोप ओपेरा टाईट्ल ' करम अपना अपना' में अभिनय किया और 'बिग बॉस' के पहले सत्र में भी भाग लिया था। बहुत कम क्रिकेटरों में से एक, जिन्होंने सफलतापूर्वक बॉलीवुड मे मकाम बनाया है, संभवत: कम है, जिनके क्रिकेट के दिनों में आपको याद दिलाना आवश्यक है।
मोहसीन खान
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर जो एक बार पाकिस्तान राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का मुख्य चयनकर्ता भी था। उन्होने फिल्म 'साथ' और 'बटवारा' के साथ अपना रास्ता बनाया था। यह फिल्म कई अलग-अलग अभिनेताओं जैसे धर्मेंद्र, विनोद खन्ना, डिंपल कपाड़िया, अमृता सिंह, पूनम ढिल्लों, शम्मी कपूर और अमरीश पुरी के साथ विभिन्न भूमिकाओं में एक मल्टी-स्टारकास्ट फिल्म थी। उन्होंने पाकिस्तान में कुछ उर्दू फिल्मों को भी काम किया था।
ब्रेट ली
उनके दिन में सबसे तेज गेंदबाजों में से एक ने बल्लेबाजों को जिन्होने आतंकित कर दिया था। २०१५ मे अनुपम शर्मा द्वारा निर्देशित 'अनइन्डियन' ऑस्ट्रेलियाई रोमांटिक कॉमेडी फिल्म में अभिनय की शुरुआत की। यह फिल्म कि शुटिंग सिडनी में हुई थी।
संदीप पाटिल
इस पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने पूनम ढिल्लों के साथ १९८५ में 'कभी अजनबी थे' एक रोमांटिक फिल्म में भुमिका निभायी थी। यह फिल्म में देबश्री रॉय ने अभिनय किया था, यह बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा कमाल नही दिखा पायी और बाद मे कभी भी पाटील रुपेरी परदे पर नहीं दिखयी दिये।
सुनील गावस्कर
क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़े बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। सनी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत एक मराठी फिल्म में की जिसका नाम 'सावली प्रेमाची' था। उन्होंने नसीरुद्दीन शाह अभिनीत हिंदी फिल्म 'मालामाल' में एक संक्षिप्त भूमिका निभाई और इस महान क्रिकेटर ने एक मराठी गीत भी गाया है, 'या दुनियेमध्ये थाम्बायला वेळ कुनाला' जो प्रसिद्ध मराठी गीतकार शांताराम नंदगांवकर द्वारा लिखा गया था और काफी लोकप्रिय हो गया था। गावस्कर को इन दिनों अपनी कमेंट्रि के लिए जाना जाता है और हालांकि एक क्रिकेट पंडित भी हैं।
विनोद कांबली
विनोद कांबली ने २००२ में 'मिस इंडिया' नामक धारावाहिक में डीडी नेशनल पर छोटी सी स्क्रीन पर अपनी पहली भुमिका निभायी थी। इसी साल उसने एक फिल्म 'अनर्थ' में अभिनय किया, जिसमें सह-अभिनीत संजय दत्त और सुनील शेट्टी थे।
सलीम दुरानी
यह एक बार बहुत लोकप्रिय ऑलराउंडर अफगानिस्तान में पैदा हुआ था। दुरानी एक धीमी गति से बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स गेंदबाज और बाएं हाथ के बल्लेबाज थे। वह एकमात्र प्रसिध्द क्रिकेटर थे, जिसने छक्के लगाए थे, जब उनके प्रशंसकों ने मांग की थी। वह १९७३ में परवीन बाबी के साथ फिल्म 'चरित्र' में दिखाई दिया लेकिन एक छाप बनाने में विफल रहे।
सैयद किरमानी
भुतपूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी ने 'कभीअजनबी थे' में खलनायक के भुमिका निभायी थी। उसी फिल्म में संदीप पाटील को शामिल किया गया था। और जैसा कि पहले बताया गया है, फिल्म कमाल नहि कर पायी थी, लेकिन २०१२ में मलयालम फिल्म 'माझाविल्लिनत्तम वेरे' में क्रिकेट कोच के रूप में किरमानी फिल्म परदे पर लौट आये थे।
कपिल देव
कपिल देव, जो कि सभी समय के सबसे महान ऑल राउंडर्स में से एक थे। जो ये दील्लगी, इकबाल, चेन कूली की मैंन कुली और मुझसे शादी करोगी जैसे फिल्मो मे कैमियो रुप दिखाए दिये थे।
सिर्फ इसलिए कि इन क्रिकेटरों में से कई अभिनय की दुनिया में एक निशान बनाने में नाकाम रहे, इसका मतलब यह नहीं है कि हम उन्हें कभी भी मौका नहीं देन्गे ।
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